Friday, 20 April 2012

तेरी याद

तेरी याद 

दिल  में  सिर्फ  तू ही  बसी  है,
इस दर्द में ही खुशी मिलती है,
तुझे  कभी  भूल  न  पाऊँ,
तेरी  याद  इतनी  हसीं  है।

भूलना  चाहा  तुझे  हर  बार,
पर  सारी  कोशिश  हुई  बेकार,
तू  नज़र  आये  जब  आँख  बंध  करता  हूँ,
कल  से  ज़्यादा  अजी  प्यार  करने  लगता  हूँ।

वो  लम्हें  जो  हम ने  साथ  बिताए,
वो  कसमें  जो  हम ने  खाए,
वो  सब  याद  बहुत  आती  है,
तेरी  याद  बहुत  सताती  है।

केहना  चाहूँ  सिर्फ  एक  बात,
हमेशा  रेहना चाहूँ  तेरे  साथ,
पर  विधि  कुछ  और  चाहती  है,
विधि  के  सामने  हर  कोशिश  फीकी  पड़ जाती  है।

                                        द्वारा लिखित :- गिरिधर पै

No comments:

Post a Comment