नयी ज़िन्दगी
हर वोह दिन अनोखा था,
जब वोह हमारे साथ था,
मेरी ज़िन्दगी उसमे थी,
साथ उसका छूट गया,
खुशियाँ जैसे रूट गया,
तनहा रह गयी ज़िन्दगी,
आँखों में यादें बस गयी ...
बीते दिन भुला दिया ,
सारे लम्हे मिटा दिया,
साथ उनका छूट थे ही,
आपने हाथ थाम लिया।..
कल का कोई पता नहीं,
आगे का खबर नहीं,
जीये हम आपके भरोसे,
कैसे ज़िन्दगी है मेरी ...
अब तोह कोई फिकर नहीं,
दुनिया की हमें परवाह नहीं,
गलती यह प्यार का करेंगे नहीं ,
वादा रहा आपसे यह रिश्ता टूटेगा नहीं।..
दिया येह मोका आपने मुझे,
दिया येह मोका आपने मुझे,
फिर से जी रही हूँ सिर्फ आपकी वजह ,
न भूलेंगे यह कभी,
सिर्फ आपसे जुदा है यह नयी ज़िन्दगी।...
द्वारा लिखित :- आद्रिका राइ
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