तुम न होते
तुम न होते तोह न होती दोस्ती
तुम न होते तोह न होती बातें
तुम न होते तोह न होती हँसी
तुम न होते तोह न होता प्यार
जान न पायी मैं होता क्या है प्यार
बातें करते गयी मैं तुमसे बेशुमार
तुम्हारी डांट भी लगने लगी प्यारी
तुम्हारा गुस्सा भी लगने लगा प्यारा
रुलाया तुम्हे बहुत
जानना पायी मैं दोस्ती है या प्यार
एहसास दिलाया तुमने उस रात
कर लिया इज़हार तुमसे प्यार का
होगई हमारी रातें लम्बी
बातें कुछ प्यार की
बातें कुछ रूटने मनाने की
बातें कुछ शरारत की
है कुछ दूरी
न जाने क्या है मजबूरी
रोता है ये दिल हर दिन हर रात
चाहता है करने को तुमसे बात
है मेरी ये एक तमन्ना
रखना तुम ख़याल अपना
मिले तुम्हे हर वोह कामयाबी
रहना तुम खुश सदा ...
द्वारा लिखित : ●๋•míکbáh
No comments:
Post a Comment