Sunday, 18 December 2011

ए खुदा

ए खुदा 

जाना  जबसे  हे  हमने  आपको ,
बस  याद  किया  और  पाया  आपको |
कभी  शिकायत  का  मौका  ही  न  दिया ,
इतना  आपने  हमसे  प्यार  किया | 
कैसे  करे  शुक्रिया  ..? 
जितना  झुकू  कम  पड़े  ए खुदा, 
माता  पिता  से  ज्यादा  आपका  आदर  किया  ...|
हर  पल  थे  आप  मेरे  साथ , 
जब  भी  ज़रुरत  पड़ी ,
थमा  आपने  मेरा  हाथ | 
कभी  न  थे  आप  हमसे  खफा ,
ज़ल्ज़लूँ  में  भी  पास  बैठे  हर  समां |
थे  जब  हम  अकेले ,
सहारा  दिया  कंधो  के  टेल | 
उल्झानोको  सुलझाया ,  
चुटकी  में  हमे  मुस्कुराया |
आपने  हमे  हँसाया,  
जब  भी  किसीने  रुलाया | 
जीना  आपने  सिखाया ,
बनके  मेरी  छाया  | 
माँगा  जो  भी  हमने , 
दिया  आपने  सब  कुछ  पल  में | 
बस  साथ  रहना  हमेशा  ए  खुदा , 
क्योंकि  आगे  खोना  हे  ज्यादा  , पाना  कहा  !!!
कमज़ोर  न  पड़ने  देना  हमें , 
इतनी  शाख्ती देना  हमें | 
खुश  रखना  उनको  खुदा , 
जिनको  चाहते  हे  हम  दिलो  जान ...
कभी  न  छोड़ो  उनका  हाथ , 
क्योंकि  हम  न  रह  पाएंगे  उनके  साथ | 
उम्र  थो  हमारी  उनको  दीजिये , 
थोड़े  वोह  जिद्दी  हे  , पर  माफ़  ज़रूर  कीजिये , 
ए  खुदा  , इतना  आपसे  गुजारिश |


  लिखनेवाली  :- आद्रिका राइ 

 

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