Sunday, 18 December 2011

हर पल पावू आपको ...


हर  पल  पावू  आपको ...

चेहरा  जो  आपका ,
  दिखे  हमे  हर  जगा | 
  आँखें  जब  बंद  करे , 
       सामने  खड़े  मिले  आप |




पागल  कहे  लोग  हमें ,
सपने  देखे  हर  समय |
ये  न  जानते  हुए ,
बुनियाद  ही  लड़खड़ाते  हुए |

प्यार  करते  हे  हम  इतना ,
न  मिलने  की  गुंजाइश  लिए | 
रब  से  बात  करते  हे  थो ,
सिर्फ  आपके  बारे  में |




        बसे  हे  आप  मुझमे ...
मेरे  खायालूँ  में |
क्या  करे  रब्बा , 
            उनमे  आपको  पाते  हे  ...


 लिखनेवाली   :-    आद्रिका  राइ 

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