कैसे भूल पायेंगे ???
भुला कर भी भूल नहीं सकते हम
लाख छुपाने से भी छुपा नहीं पाए आसूं हम
तनहा बैठे हर घडी , सारा दिन
ख्यालों में बसे हैं आप रात दिन ...
कोशिश की याद न करने की हज़ार बार
आँखों में नमी छाए पर बार बार
अक्सर आपका चेहरा देखूं हर जगह
न जाने क्यूँ करती हूँ हर वक़्त आपका इंतज़ार ???
वोह बीती बातें और पल
कभी होटों पे मुस्कान लाये कभी घम
चाह कर भी भुला नहीं सके आपको हम
इतना प्यार करते हैं आपसे हम
कैसे किसी और को अपना बना ले ?
कैसे किसी और के साथ घर बसाले ?
कैसे किसी और को मन्न में बसा ले ?
कैसे मन्न की तस्वीर में बसे आपको निकाल दे ???
द्वारा लिखित :- आद्रिका राइ
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